ॐ।।ईश्वरीय अनुभव।।ॐ

भाग .2
"सर्व धर्मान परित्यज्यै ,
मामेकं शरणं ब्रिज ।
अहँत्वा सर्वपापेभ्यो ,
मोछ्श्चामि माशुचा ।
प्यारे दोस्तोँ भागवत गीता मेँ कहे गये "श्री भगवान" के इस वचन को सत्य चरितार्थ करती हुई मेरे जीवन की कई अनमोल घटनाऐँ और मानसिक स्थितियाँ ।
जिन्हे पोस्टोँ के माध्यम से कई भागोँ मेँ आप तक पहुँचाता रहूँगा ।
आशा करता हूँ आप स्वजन शरणागति की भावना को आत्मसात करेँगे और बच्चोँ को भी इसके लिए प्रेरित कर उनका भी जीवन और भविष्य परमात्मा के आधीन कर के सुखद और सुरछित बनाऐँगे । जैसा कि मेरी माँ ने मेरे साथ किया था ।
बचपन मेँ मेरी माँ गली मेँ बच्चोँ के साथ खेलने को लेकर अक्सर मेरी पिटाई लगाती थी ।
क्योँ कि मेरी माता जी मेरे स्वभाव के प्रति काफी सँवेदनशील थी । वे चाहती थी मैँ सद्गुणी और अच्छा इन्सान बनूँ ।
परन्तु आप मित्र जन ये जानते ही होँगे कि जब कोई बालक जिस समय जन्म लेता है उस समय के ग्रह नछत्रोँ के अनुसार ही उस बालक का गुण-स्वभाव और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाऐँ निर्धारित हो जाती हैँ ।
(इसका मुख्य कारण हमारे पूर्व जन्म के कर्मोँ के फल के अनुसार होँता है ।)
शायद मैँ भी अपने पूर्व जन्म के कर्म फलोँ के आधीन ही होता यदि मेरी माँ ने मुझ पर "ईश्वर परायणता"(शरणागति) का ब्रम्हाष्त्र ना चलाया होता ।
एक दिन मेरी माता जी किसी सत्सँग से लौट कर आईँ अगली सुबह मुझे प्यार से आदेश दिया कि - बेटा नहाने के बाद एक लोटा जल ले कर किसी भी स्थान चढ़ाते हुए कहना - "हे ईश्वर आज से मेरा ये जीवन आपके चरणोँ मेँ है मेरे जीवन नैया के खेवइया आप है ।"
ये सुन कर मेरे बाल मन मेँ कौतूहल तो जागा परन्तु विषय ईश्वर से सम्बन्धित था इस लिए वैसा ही किया जैसा माँ का आदेश था ।
प्यारे मित्रोँ ये प्रार्थना देखने मेँ भले ही बहुत सामान्य लग रहा हो परन्तु हृदयगत की गई इस प्रार्थना मे इतनी छमता है कि हमारे सम्पूर्ण जीवन के दुर्भावनाओँ को नाश करके हमारे जीवन की रूपरेखा ही बदल देती है ।
बचपन मेँ किए गये पाप-पुन्य शायद विशेष फलदायी नही होते हैँ इसी लिए युवा अवस्था मेँ कदम रखते ही परमात्मा की प्रेरणा से ऐसा ही अवसर एक बार फिर प्राप्त हुआ ।
समय मिलते ही तीसरे भाग.3 मेँ विस्तार से बताऊँगा ।
आशा करता हुँ कि आप मित्रजन पूरे श्रद्धा और पूरे विश्वास से पुकार उठेँगे -
"हे जगदीश्वर हम हैँ आपकी शरण ।"
🙏
।।जय जय श्री राधेकृष्णा।।

🙏ईश्वरीय अनुभव भाग 1 का लिंक-https://prabhusharanagti.blogspot.com/2020/01/blog-post.html?fbclid=IwAR36N2f231Gk-yqW_EMcZrSxwjWP3yMWDmJx0LVgnYuZeSpMWFkWqg-o89o